Sunday, May 10, 2015

जिंदगी सुन्दर तो थी पहले भी
पर आज  जैसे कोई अलंकार मिल गया है

कमी नहीं खली कोई पहले भी
पर जैसे बरसों का इंतज़ार थम गया है

अपनी भी साँसे गिनी नहीं कभी
पर आज तुम्हारी सांसों में गुलज़ार मिल गया है। 

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