जिंदगी सुन्दर तो थी पहले भी
पर आज जैसे कोई अलंकार मिल गया है
कमी नहीं खली कोई पहले भी
पर जैसे बरसों का इंतज़ार थम गया है
अपनी भी साँसे गिनी नहीं कभी
पर आज तुम्हारी सांसों में गुलज़ार मिल गया है।
पर आज जैसे कोई अलंकार मिल गया है
कमी नहीं खली कोई पहले भी
पर जैसे बरसों का इंतज़ार थम गया है
अपनी भी साँसे गिनी नहीं कभी
पर आज तुम्हारी सांसों में गुलज़ार मिल गया है।
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