Wednesday, April 17, 2013

'यादें'

यादें  वो नहीं जो ,
वक्त-बेवक्त दस्तक दे, सताती हैं ,
यादें वो नहीं  जो अक्सर ,
सपनों में आकर रुलाती हैं ,
 यादें वो भी नहीं जो ,
गाहे-बगाहे दिल को गुदगुदाती हैं ,
यादें वो हैं जो , दिल में कुछ ऐसे
घर बसा के बैठी हैं ....
कि जितना भी भूलना चाहो
 हर एक गुज़रे लम्हे की झलक ,
हर आने वाले पल में दिखाती  हैं ....
जितना रुलाती हैं , उतना ही हँसाती हैं .....!

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