यादें वो नहीं जो ,
वक्त-बेवक्त दस्तक दे, सताती हैं ,
यादें वो नहीं जो अक्सर ,
सपनों में आकर रुलाती हैं ,
यादें वो भी नहीं जो ,
गाहे-बगाहे दिल को गुदगुदाती हैं ,
यादें वो हैं जो , दिल में कुछ ऐसे
घर बसा के बैठी हैं ....
कि जितना भी भूलना चाहो
हर एक गुज़रे लम्हे की झलक ,
हर आने वाले पल में दिखाती हैं ....
जितना रुलाती हैं , उतना ही हँसाती हैं .....!
वक्त-बेवक्त दस्तक दे, सताती हैं ,
यादें वो नहीं जो अक्सर ,
सपनों में आकर रुलाती हैं ,
यादें वो भी नहीं जो ,
गाहे-बगाहे दिल को गुदगुदाती हैं ,
यादें वो हैं जो , दिल में कुछ ऐसे
घर बसा के बैठी हैं ....
कि जितना भी भूलना चाहो
हर एक गुज़रे लम्हे की झलक ,
हर आने वाले पल में दिखाती हैं ....
जितना रुलाती हैं , उतना ही हँसाती हैं .....!
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